पवन कल्याण की तलवार बनाम औरंगज़ेब की आत्मा – 'हरी हरा वीरा मल्लू' एक ऐतिहासिक सफर या अधूरी उड़ान?

 अगर आप पवन कल्याण के फैन हैं, तो ‘Hari Hara Veera Mallu: Sword vs Spirit’ को लेकर आपकी उम्मीदें काफी ऊँची रही होंगी। और क्यों न हों? पहली बार पवन कल्याण एक पीरियड ड्रामा में – वो भी औरंगज़ेब जैसे खतरनाक मुग़ल सम्राट से दो-दो हाथ करते नज़र आते हैं।

लेकिन सवाल ये है – क्या इतनी लंबी देरी और डायरेक्टर की अदला-बदली के बाद भी फिल्म ने अपने वादे पूरे किए?

Hari Hara Veera Mallu: Sword vs Spirit

कहानी का सार

साल है 1670। दिल्ली में औरंगज़ेब (बॉबी देओल) अपनी क्रूरता से साम्राज्य बढ़ा रहा है और ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन करवा रहा है। दूसरी तरफ, गोलकोंडा के अबुल हसन कुतुब शाह को वापस चाहिए कोहिनूर – उनके राज्य की शान। इसके लिए वो बुलाते हैं – वीर योद्धा वीरा मल्लू (पवन कल्याण) को।

क्या वीरा मल्लू मुग़लों, अंग्रेज़ों और पुर्तगालियों को मात देकर कोहिनूर वापस ला पाता है? यही है फिल्म की कहानी।

अभिनय और परफॉर्मेंस

  • पवन कल्याण ने पूरी फिल्म को अपने कंधों पर उठाया है। एक्शन हो, इमोशन हो या डायलॉग – हर सीन में वो छा जाते हैं।

  • बॉबी देओल का औरंगज़ेब के रूप में प्रवेश दमदार है, लेकिन बाद में वो कहीं गायब से लगते हैं। शायद दूसरे भाग में ज़्यादा दिखें।

  • निधि अग्रवाल ने पंचमी के रोल में एक प्यारा सरप्राइज़ दिया है – खूबसूरत और असरदार।

फिल्म की खूबियाँ

  • पवन कल्याण का दमदार प्रदर्शन

  • जबरदस्त एक्शन सीन्स

  • म्यूज़िक और BGM

  • ऐतिहासिक माहौल और सेट्स


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