जब स्टारडम से पहले झुग्गी में बीता था बचपन: एक्ट्रेस की ज़िंदगी का अनकहा सच!
आज जब हम उन्हें रेड कार्पेट पर चमचमाते हुए गाउन में देखते हैं, सोशल मीडिया पर उनकी एक-एक फोटो लाखों लाइक्स बटोरती है, तो शायद ही कोई अंदाजा लगा पाए कि इस ग्लैमर के पीछे एक ऐसा अतीत छिपा है जो संघर्ष, दर्द और जिद से भरा हुआ था। हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस राखी सावंत की, जिनका सफर फिल्मी दुनिया तक पहुंचने का नहीं बल्कि एक जंग का नाम है।
झुग्गी से शुरू हुआ सफर
राखी सावंत का जन्म एक बेहद सामान्य और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में हुआ था। उनका बचपन मुंबई की एक झुग्गी में बीता, जहाँ ना पक्की छत थी, ना रोज़ भरपेट खाना। कई बार उन्हें सिर्फ एक टाइम का खाना मिल पाता था, और स्कूल जाना भी किसी लक्ज़री से कम नहीं था।
बचपन की जिम्मेदारियाँ और तानों की चुभन
कम उम्र में ही राखी को घर के कामकाज में हाथ बंटाना पड़ा। कई बार मोहल्ले के लोगों से ताने मिलते थे – “इसकी तो शक्ल भी हीरोइन जैसी नहीं है” – लेकिन राखी का सपना बड़ा था। उन्हें लगता था कि एक दिन वो टीवी और फिल्मों में दिखेंगी, और दुनिया उनकी बात सुनेगी।
राखी की कहानी क्यों खास है?
क्योंकि यह सिर्फ एक झुग्गी से निकलकर स्टार बनने की कहानी नहीं है, बल्कि यह उन लाखों लड़कियों की प्रेरणा है जो हालातों से नहीं, अपने हौसलों से लड़ना जानती हैं। राखी ने साबित कर दिया कि चमकते चेहरों के पीछे अक्सर दर्द की लंबी दास्तान होती है।
पहली कमाई – और पहली ठोकर
राखी ने अपने करियर की शुरुआत बैकग्राउंड डांसर के तौर पर की। एक गाने के लिए उन्हें सिर्फ 50 रुपये मिले थे। लेकिन असली ठोकर तब लगी जब उन्हें ऑडिशन्स में लगातार रिजेक्शन झेलना पड़ा – सिर्फ उनके लुक्स या बोली की वजह से। कई बार उनका मजाक उड़ाया गया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
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