AI के डर से TCS ने किया 12,000 लोगों को बाहर, क्या आप हैं अगली लिस्ट में?
भारत की सबसे बड़ी IT कंपनियों में से एक TCS (Tata Consultancy Services) ने हाल ही में एक ऐसा कदम उठाया है जिसने पूरे टेक सेक्टर में हड़कंप मचा दिया है। कंपनी ने घोषणा की है कि वो इस वित्तीय वर्ष में करीब 12,000 कर्मचारियों को निकालने जा रही है।
इस फैसले के पीछे एक ही सवाल सबके मन में गूंज रहा है – क्या ये सब AI की वजह से हो रहा है? और अगर हां, तो अगला नंबर किसका होगा?
AI से डर या बदलाव की जरूरत?
TCS के CEO कृष्णन रामानुजम ने कहा कि यह छंटनी सिर्फ खर्च घटाने के लिए नहीं की जा रही, बल्कि इस वजह से हो रही है क्योंकि कई कर्मचारियों को नई तकनीकों की मांग के अनुसार दुबारा तैनात नहीं किया जा सकता।
उन्होंने साफ कहा – "हमने लाखों लोगों को reskill करने की कोशिश की, लेकिन हर कोई deployable नहीं बन पाया।"
इसका मतलब है कि चाहे आपने सालों से कंपनी के लिए काम किया हो, अगर आपकी स्किल्स AI, Cloud, Automation जैसी नई तकनीकों के अनुसार नहीं हैं, तो आपकी सीट भी खतरे में है।
क्या सिर्फ TCS ही कर रही है ऐसा?
नहीं। Infosys, Wipro, और HCL जैसी कंपनियों में भी “bench pressure” और “low utilization” के नाम पर निकाले जा रहे कर्मचारियों की संख्या बढ़ रही है।
आज जो Tech Professional नहीं सीख रहा है, वो कल की नौकरी खोने के बेहद करीब है
वो जिनकी नौकरी गई, क्या महसूस कर रहे हैं?
आप एक ऐसे व्यक्ति की कल्पना कीजिए जिसने TCS में 8–10 साल बिताए हों। जिसने घर खरीदा हो, बच्चों का स्कूल शुरू किया हो और EMI की जिम्मेदारियों में बंधा हो।
अब एक दिन HR का कॉल आता है:
"We’re sorry, but your role has been marked redundant."
उसके बाद एक ठंडी चुप्पी, फिर एक मेल – Exit formalities, insurance discontinuation, और एक छोटा सा severance package।
आपके ऑफिस का सिस्टम, आपकी कुर्सी, आपका ID card – सब कुछ अब किसी और के लिए तैयार किया जा रहा है।
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